पुलिस व वन विभाग की लचर कार्यशैली के चलते क्षेत्र में कच्ची शराब का कारोबार बढ़ता जा रहा है। शिकायत के बावजूद भी जब पुलिस और वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता तो महिलाएं खुद कच्ची शराब के ठिकानों पर धावा बोल रही हैं। रविवार देर रात गुमानीवाला प्लांटेशन की ग्रामीण महिलाओं चार घरों पर छापामार कर करीब 20 लीटर कच्ची लाहन नष्ट किया।
रविवार रात ग्रामीण महिलाओं ने ग्रुप बनाकर अवैध कच्ची शराब बनाने वालों के विरुद्घ अभियान चलाया। देर रात दो-तीन बजे शराब माफिया को जैसे महिलाओं के आने भनक लगी तो अफरा-तफरी का माहौल बनृ गया। ग्रुप लीडर सरोजनी थपलियाल ने बताया कि जो काम प्रशासन को करना था, उस जिम्मेदारी को महिलाएं निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान चार घरों पर छापेमारी की और कुल करीब 20 लीटर कच्ची लाहन नष्ट किया। शराब के विरुद्घ अभियान चलाने वालों में हंसा कंडियाल, पूनम रावत, उर्मिला राणा, बसंती देवी, दर्शनी देवी, सरोजनी देवी, शांति तड़ियाल, शुक्री देवी, सोनी देवी, माया रावत, बीरा रावत पंचायत सदस्य राजेश व्यास, अरुण बिष्ट, रंजीत थापा, जुगल क्षेत्री, देवेंद्र बेलवाल, विनोद पोखरियाल, दीपक महर, प्रेम सिंह, भीम सिंह, सरोजनी आदि शामिल रहे।
- 80 साल की उम्र हो गई है। मैं दो साल से लगातार कच्ची शराब के विरुद्घ अभियान में भूमिका निभा रही हूं। इसके बावजूद वन विभाग व पुलिस प्रशासन की शह पर अवैध कारोबार बंद नहीं हो पा रहा है।
हंसा कंडियाल
विगत कई सालों से वन क्षेत्र में कच्ची शराब का कारोबार फलफूल रहा है। प्रशासन के सारे दावे किताबी हैं। पुलिस प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी जानबूझकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।
-विनिता गुसाईं,
लगभग चार महीने से प्लांटेशन के जंगलों में शराब विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान जंगलों के साथ ही अब शराब माफिया के घरों में भी शुरू कर दिया गया है।
सोनी देवी ग्रामीण महिला -
चार सालों से लगातार प्लांटेशन के जंगलों में कच्ची शराब बनाने का कारोबार चल रहा है। पुलिस, वन और आबकारी विभाग कुछ नहीं कर रहा है। इसलिए महिलाएं आगे आई हैं।
बीते 12 दिनों से लगातार वन कर्मियों की ओर से प्लांटेशन के जंगलों में कैंपिंग की जा रही है। जंगलों में झाड़ियों के अंदर घुसकर शराब बनाने के संभावित ठिकानों पर नजर रखी जा रही है।
आरपीएस नेगी, वन क्षेत्राधिकारी -